PSUs की विनिवेश प्रक्रिया ने फिर पकड़ी रफ्तार, मार्च तक कई कंपनियों का होगा प्राइवेटाइजेशन
PSU Disinvestment: एयर इंडिया (Air India), बीपीसीएल (BPCL), शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Shipping Corporation of India), पवन हंस (Pawan Hans), बीईएमएल (BEML) और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड के लिए सरकार लगाएगी जोर.
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 50,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलने की उम्मीद कर रही है. (pixabay/PTI)
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 50,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलने की उम्मीद कर रही है. (pixabay/PTI)
PSU Disinvestment: निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर से प्रभावित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) की विनिवेश प्रक्रिया (Disinvestment process) वापस पटरी पर लौट आई है. विभाग का लक्ष्य मार्च आखिर तक कई उपक्रमों में विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करना है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का मेगा आईपीओ (IPO) चालू वित्त वर्ष के आखिर तक आने की उम्मीद है. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से इस वित्त वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलने की उम्मीद कर रही है.
इन कंपनियों के विनिवेश की है तैयारी
खबर के मुताबिक, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस साल एयर इंडिया (Air India), बीपीसीएल (BPCL), शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Shipping Corporation of India), पवन हंस (Pawan Hans), बीईएमएल (BEML) और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (Nilanchal Ispat Nigam Limited) का निजीकरण पूरा कर लिया जाएगा. स्वामित्व और नियंत्रण में बदलाव से इन कंपनियों के वैल्युएशन को बढ़ावा मिलेगा.
विनिवेश पटरी पर लौट आया
सचिव ने कहा कि कोविड महामारी ने वास्तव में हमें बहुत बुरी तरह प्रभावित किया. बाजार से जुड़ा लेनदेन करना बहुत आसान है, लेकिन रणनीतिक बिक्री करना कहीं ज्यादा कठिन है. जहां बोली लगाने वाले वास्तव में कंपनी का नियंत्रण लेंगे, वहां जांच-परख की प्रक्रिया काफी मुश्किल है. यात्रा पर जो प्रतिबंध लगे थे, धीरे-धीरे उन्हें हटा दिया गया है, अब हमारा विनिवेश पटरी पर लौट आया है.
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बोलीदाताओं ने कंपनियों में काफी रुचि दिखाई है
पांडे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीआईआई के सालाना सत्र में भाग लेते हुए कहा कि हम इस साल एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का प्राइवेटाइजेशन करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बोलीदाताओं ने कंपनियों में काफी रुचि दिखाई है और अब यह जांच परख की प्रक्रिया और वित्तीय बोली के चरण में है.
नियंत्रण और स्वामित्व में बदलाव से बढ़ावा मिलेगा
पांडे ने कहा कि गेल पाइपलाइनों के मौद्रीकरण के लिए एक दूसरे इनविट की भी तैयारी है. उन्होंने कहा कि खामियों को दूर करने की योजना विनिवेश में बहुत मददगार नहीं होगी. इसके बजाय हमें सुधारों का दृष्टिकोण लेकर बढ़ना होगा. और यह सुधार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की वास्तविक ऑपरेशन क्षमता को सामने लाना है. ऐसे में इनके नियंत्रण में बदलाव, स्वामित्व में बदलाव से काफी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि अगर हमारे पास बाजार में लिस्टेड कोई कंपनी है और हम उसके निजीकरण की घोषणा करते है, तो उसके शेयर तुरंत चढ़ जाते हैं. इसका मतलब है कि बाजार उन उद्यमों के निजी हाथों में जाने पर उनका ज्यादा मूल्य आंक रहा है.
वित्त मंत्री ने बजट में की थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 में बजट भाषाण में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी सहित एक बड़े निजीकरण एजेंडे की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वर्ष 2021-22 में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव हैं. इसके लिए कानूनी संशोधनों की जरूरत होगी.
साधारण बीमा कंपनी का भी होना है प्राइवेटाइजेशन
फिलहाल, सार्वजनिक क्षेत्र में चार साधारण बीमा कंपनियां हैं. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड. इनमें से किसी एक का निजीकरण किया जाएगा. सरकार को इनमें से विनिवेश के लिये नाम को लेकर आखिरी फैसला करना है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट में लक्ष्य रखा है. अब तक सरकार ने एक्सिस बैंक, एनएमडीसी लिमिटेड और आवास और शहरी विकास निगम में हिस्सेदारी बेचकर 8,368 करोड़ रुपये ही जुटाए हैं.
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08:05 AM IST